साउथ इंडिया के मंदिरों की बात ही निराली होती है। यहां के लोगों में ईश्वर के प्रति अलग ही आस्था देखने को मिलती है। इसकी अद्भुत बानगी आज हम सबके सामने बनकर तैयार खड़ी है। आज हम आपको भारत के एक ऐसे मंदिर के विषय में बताने जा रहे हैं जिसे 1800 करोंड़ रुपयों की लागत से तैयार किया गया है।
दरवाजे पर किया गया सोने का प्रयोग

तेलंगाना और हैदराबाद से महज़ 70 किमी की दूरी पर स्थित यदागिरिगट्टा पहाड़ी पर भगवान नरसिंह के पवित्र धाम का निर्माण कार्य संपन्न हो गया है। इस मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि श्री लक्ष्मी नरसिंह स्वामी के इस मंदिर में कई किलो सोने का प्रयोग किया हया है। मंदिर के एक कपाट में तकरबीन 125 किग्रा सोने का प्रयोग किया गया है। इसके अलावा मंदिर परिसर में तमाम जगहों पर पंच धातु एवं शुद्ध पीतल का भी इस्तेमाल किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मंदिर के पुनर्निमाण का कार्य तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने साल 2017 में प्रारंभ किया था। यह मंदिर सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है जिसे 1800 करोंड़ रुपयों की लागत से तैयार किया गया है।
28 मार्च को खोले गए मंदिर के कपाट
इस मंदिर को दोबारा खोलने के मुहुर्त के विषय में सीएम केसीआर के आध्यात्मिक गुरु चिन्ना जीयर स्वामी ने बताया था। 28 मार्च को यज्ञ और धार्मिक कार्यों के बाद इस मंदिर के कपाट दर्शानार्थियों के लिए खोल दिए गए। बताया जा रहा है कि मंदिर के कपाट को दोबारा खोलने से पहले ‘महा सुदर्शन यज्ञ’ किया गया था। 100 एकड़ में फैली यज्ञ वाटिका में 1048 हवन कुंडों में यज्ञ किया गया। इस पवित्र कार्य में तकरीबन 1000 पंडितों ने अपना योगदान दिया जिसके बाद दुनिया के सर्वश्रेष्ठ हिंदू मंदिरों में से एक मंदिर के कपाट खोल दिए गए।
सीएम ने की पूजा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण द्रविड़ काकतीय शिल्पकला के आधार पर किया गया है। इसमें 2.5 लाख काले ग्रैनाइट का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा मंदिर में सात ‘गोपुरम’ है जिन्हें पत्थर से तैयार किया गया है।
गौरतलब है, 28 मार्च को मुख्यमंत्री चंद्रशेकर राव ने श्री लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में अपने परिवार के साथ पूजा की। इस मांगलिक कार्य के दौरान तमाम सांसद, विधायक, एमएलसी मौजूद रहे।