रुस और यूक्रेन के बीच जारी इस जंग में लाखों जिंदगियां तबाह हो चुकी हैं। लोग अपना घर-बार छोड़कर अलग-अलग देशों में शरण लेने को मजबूर हैं। यही कारण है कि यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को विदेश मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा के तहत सुरक्षित वापिस लाने की प्रक्रिया जारी है।
भारतीय छात्र की मौत
पिछले दिनों खबर आई थी कि रुस द्वारा की गई कार्रवाई में केरल के नवीन नामक छात्र की मौत हो गई थी जबकि पंजाब के हरजोत सिंह की भी हालत गंभीर है। ऐसे में यूक्रेन में फंसे सभी छात्र सरकार से लगातार उन्हें अपने देश वापिस लाने की गुजारिश कर रहे हैं।
इस बीच दो दोस्तों की स्टोरी इंटरनेट पर खूब सुर्खियां बटोर रही है। बताया जा रहा है कि यूक्रेन में चल रहे युद्ध के दौरान एक दोस्त ने दूसरे दोस्त का साथ इस कदर निभाया कि एक को भारत वापिस लौटने की टिकट नहीं मिली तो दूसरे ने अपनी टिकट कैंसिल कर दी और दोस्त के साथ रहने का फैसला किया।
बता दें, इन दो दोस्तों का नाम मोहम्मद फैसल और कमल सिंह है। दोनों उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। फैसल हापुड़ का रहने वाला है तो कमल बनारस का। दोनों की मुलाकात कीव एयरपोर्ट पर पिछले साल हुई थी। वे कीव की इवानो फ़्रैंकविस्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में मेडिकल स्टूडेंट हैं।
कमल ने किया ऊपरवाले का धन्यवाद

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हवाई अड्डे पर हुई यह मुलाकात इतनी गहरी हो गई कि दोनों यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में साथ में ही रहने लगे। वे एक-दूसरे के साथ अपने भविष्य की बातें करते थे, प्रॉब्लम्स डिसकस करते थे। दोनों के विचार एक-दूसरे से काफी मिलते-जुलते थे। यही कारण था कि दोनों की दोस्ती काफी गहरी हो गई। कमल ने अपने दोस्त फैसल के विषय में बताया कि, ‘मैं ऊपरवाले का धन्यवाद करता हूं कि कॉलेज के दौरान मुझे ऐसा दोस्त मिला हम पढ़ाई और भविष्य पर बात-चीत करते हैं, इसी वजह से हमारी दोस्ती और मज़बूत हो गई।’
वहीं, फैसल ने बताया कि, ‘पिछले साल 11 दिसंबर को मैं मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन पहुंचा था। कीव एयरपोर्ट पर सभी इंतज़ार कर रहे थे, हम सभी को इवानो फ़्रैंकविस्क नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी जाना था। मैं उसी दौरान कमल से मिला और हम हॉस्टल में साथ रहने लगे।’
दोस्त के बिना जाने से किया इनकार
फ़ैसल ने आगे बताया, ‘मेरी टिकट जंग शुरु होने से दो दिन पहले बुक हो गई थी, मैंने जब कॉन्ट्रैक्टर से पूछा कि और किस-किस की टिकट बुक हुई है तो पता चला कि कमल को टिकट नहीं मिली। मैंने कमल के बिना भारत न लौटने का फ़ैसला किया। मेरे कॉन्ट्रैक्टर ने मुझे समझाया लेकिन मैंने उसकी बात नहीं मानी।’
गौरतलब है, जब दोनों दोस्तों की टिकट कन्फर्म हो गई तब फैसल और कमल साथ में इंडिया वापिस लौटे। इन दोनों की इस कहानी ने दोस्ती की नई मिसाल कायम की है।