देश में इन दिनों लाउडस्पीकर का मुद्दा गरमाया हुआ है.और लोग इस मुद्दे पर अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.आपको बता दें महाराष्ट्र में यह मुद्दा ज्यादा तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है.बता दें की इस मुद्दे पर बड़े बड़े नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है. जहां एक तरफ लोग मस्जिद से लाउडस्पीकर हटाने की बात कर रहे है. वहीं दूसरी ओर लोगों ने इस बात पर असहमती जताई है.देश के अलग अलग हिस्सों में इस बात पर विवाद छिड़ा हुआ है.
लेकिन बिहार के पटना का एक मंदिर और मस्जिद है.जो लगातार एक दूसरे का सम्मान करता हैं.बता दें इस मस्जिद में जब अज़ान होती है तो मंदिर का लाउडस्पीकर बंद हो जाता है.और अगर मंदिर में कुछ प्रोग्राम चल रहे होते है .तो मस्जिद का लाउडस्पीकर बंद हो जाता है.और ऐसा करके धर्मो। के लोग पूरे देश को ही नहीं बल्कि दुनिया को मेसेज देते हैं.यह खूबसूरत दृश्य देखकर कर लोग बहुत कुछ सीख सकते हैं.
मीडिया से बात

मीडिया से बात करते हुए इस मस्जिद के चेयरमैन फजल इमाम ने बताया की हम दोनो धर्म का सम्मान करते हैं.उन्होंने बताया की मंदिर अज़ान के दौरान अपना लाउडस्पीकर बन कर देती है.और रामनवमी के मौके पर मस्जिद की कमिटी भक्तो को लिए शरबत का इंतजाम करती है.
मन्दिर के चेयरमैन
वहीं मंदिर के चेयरमैन किशोर कुणाल ने भी मीडिया से बात करते हुए देश के लोगों को संदेश देने की कोशिश की और उन्होंने अपने बयान में कहा की मंदिर और मस्जिद के लोग अक्सर मिल जुल कर रहते हैं.और एक दूसरे की मदद करते हैं.और हमे अज़ान से कोई समस्या नही है.और नही उन्हे भजन और कृतन से.
एक गांव जहां 5 साल से बैन है लाउडस्पीकर
बता दें की यह गांव महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के मुंडखेर तहसील के बरड़ ग्राम पंचायत के बीच पड़ता है.और यह मंदिर मस्जिद में पीछे पांच सालो। से लाउडस्पीकर नही बचता है.आपको इस गांव में किसी भी मंदिर मस्जिद के दीवारों पर लाउडस्पीकर देखने को नही मिलेगा और खास बात यह है की यह लोगों की आपसी सहमति और बिना किसी झगड़े के यह नियम बनाएं गए है.और पिछले पांच सालों से लोग इस नियम का पालन करते हैं.