कहते हैं कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। इस कहावत को सिद्ध करके दिखाया है दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल ने। इनका नाम विजय सिंह गुर्जर है। इन्होंने अपनी मेहनत के दमपर वो कारनामा करके दिखाया है जिसको करने के लिए सख्त मेहनत की जरुरत पड़ती है।
बता दें, राजस्थान के एक छोटे से गांव में जन्म लेने वाले विजय शुरुआत से ही एक ऐवरेज छात्र थे। पिता किसान थे इसलिए छोटे से ही वे उनके साथ खेती-बाड़ी में हाथ बटाते थे। नके पिता चाहते थे कि वे एक अध्यापक बनें और परिवार का सहारा बनें। धीरे-धीरे विजय बड़े हुए और उन्होंने 12वीं पास कर ली। इसके बाद उन्होंने अपने क्षेत्र के ही एक कॉलेज से संस्कृत में ग्रेजउशन किया। इसके बाद उन्होंने कई सरकारी भर्तियों के फॉर्म डाले लेकिन उन्हें सफलता नहीं प्राप्त हुई। हालांकि, साल 2009 में विजय ने दिल्ली पुलिस की भर्ती परीक्षा दी जिसमें वे पास हो गए और साल 2010 में वे दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल पद पर तैनात हो गए।
पुलिस की नौकरी के दौरान उनकी मुलाकात दिल्ली के डीसीपी परमादित्य से हुई। उनकी अच्छाई और नेकी विजय को इतनी भाई कि उन्होंने तय कर लिया कि अब वे डीसीपी परमादित्य की तरह बड़े अधिकारी बनेंगे।
ठुकराया SI बनने का मौका

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विजय ने यूपीएससी की तैयारी शुरु कर दी। वे दिन में ड्यूटी पर जाते और रात में पढ़ाई करते। इस दौरान विजय को सब इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोशन का मौका मिला लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया।
इस फैसले के पीछे उनका मानना था कि अगर वे एसआई बन गए तो उन्हें पढ़ाई के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिलेगा। इसलिए उन्होंने इस मौके को ठुकरा दिया। यूपीएससी की तैयारी के दौरान विजय ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की भर्ती में फॉर्म डाला, इसमें वे पास हो गए और उनकी नौकरी लग गई। अब विजय ने कांस्टेबल की नौकरी छोड़ दी और आईटी डिपार्टमेंट में नौकरी करने लगे।
2017 में बने IPS
इस नौकरी में उन्हें यूपीएससी की तैयारी के लिए और समय मिलने लगा। साल 2016 में विजय यूपीएएससी का एग्जाम क्रैक करके फाइनल राउंड तक पहुंच गए थे लेकिन इंटरव्यू में फेल कर दिया गया। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अगली बार और अधिक मेहनत के साथ परीक्षा दी जिसका नतीजा ये रहा कि साल 2017 में विजय ने 574वीं रैंक के साथ यूपीएससी का एग्जाम क्रैक कर लिया और आईपीएस अधिकारी बन गए।