आपने अक्सर देखा होगा कि दुनिया में बिस्किट्स के प्रति दीवानगी लोगों में अधिक होती है। यही कारण है कि आज दुनिया में ज्यादातर कंपनियां बिस्किट्स के फ्लेवर और उनकी डिजाइन पर फोकस करके तरहत-तरह के प्रोडक्ट्स तैयार करने में जुटी हुई हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि बिस्किट्स पर बनाए जाने वाले छेदों का क्या कारण होता है? इसके पीछे की क्या वजह होती है?
कई लोग इसे एकमात्र डिजाइन ही मानते हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यह सिर्फ डिजाइन ही नहीं है बल्कि इसके पीछे एक बहुत बड़ा साइंटिफिक कारण भी है।
बिस्किट्स में छेद की वजह

जानकारी के मुताबिक, बिस्किट्स पर बने इन छेदों को डॉकर्स के नाम से जाना जाता है। इन छेदों को मैन्युफैक्चरिंग के उद्देश्य से तैयार किया जाता है। इनके निर्माण के वक्त इनमें छेद इसलिए किया जाता है ताकि ये छेद इनमें से हवा गुजरती रहे और ये ज्यादा न फूलें। बता दें, बिस्किट्स को बनाने के लिए आटा, चीनी और नमक को शीट की तरह ट्रे पर फैलाकर एक मशीन के नीचे रख दिया जाता है। इस मशीन की मदद से इन बिस्किट्स में अपने आप छेद हो जाता है। इस छेद की मदद से बिस्किट सही बनते हैं। इनको बनाते समय बिस्किट्स के छेदों से कुछ हवा बाहर जाती रहती है। इसके बाद इन्हें अवन में रखा जाता है जिससे इनके आकार में बढ़ोत्तरी होती है।
मशीनों से किया जाता है छेद
गौरतलब है, बिस्किट्स पर छेद बनाने के लिए हाइटेक मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। मशीनों की मदद से बिस्किट पर छेद एक समान दूरी बनाए जाते हैं। यही कारण है कि अवन में रखने पर बिस्किट चारों तरफ से बराबर फूलते हैं।