कहते हैं खून के रिश्ते कभी ज़ाया नहीं जाते। इस कहावत को साबित करके दिखाया है एक बेटे ने। इस बेटे ने अपने पिता की जान बचाने के लिए अपना लिवर तक डोनेट कर दिया। बता दें, एक पिता और पुत्र का रिश्ता इस दुनिया में सबसे खूबसूरत संबंध होता है। इस रिश्ते में एक शर्म होती है, एक हया होती है, एक इज्जत होती है जो इस रिश्ते को नायाब बनाती है। यही कारण है कि पिता-पुत्र का यह रिश्ता लाखों में एक माना जाता है।
आज हम आपको एक ऐसे बेटे की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने अपने पिता की जान बचाने की खातिर अपनी जान की परवाह नहीं की और अपना लिवर डोनेट कर दिया।
इंस्टा के जरिये साझा की घटना

जी हां, एक शख्स ने अपनी जिंदगी में हुए इस घटनाक्रम को इंस्टाग्राम के जरिये साझा किया है। उसने अपने पिता के साथ अपनी तस्वीर साझा करते हुए बताया कि अपने पिता की जान की खातिर उसने अपने लिवर का 65 प्रतिशत हिस्सा डोनेट कर दिया है।
मालूम हो, यह मामला कोरोना के दूसरी लहर का है। इस दौरान एक पिता को उसके लिवर में कुछ खराबी महसूस हुई जिसपर उसके बेटे ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया। इलाज के दौरान उन्हें जानकारी दी कि इनका लिवर पूरी तरह से खराब हो चुका है ऐसे में ये ज्यादा से ज्यादा 6 महीने ही जी पाएंगे। डॉक्टर की यह बात सुनकर उस बेटे के हाथ-पांव फूल गए। वह रात-दिन यही सोंचता रहता था कि उसके पिता के बिना वह कैसे रहेगा।
इस दौरान उस व्यक्ति को कोरोना हो गया। कोविड की वजह से वह अपने पिता से भी नहीं मिल पा रहा था। हालांकि, दोनों वीडियो कॉल के जरिये एक-दूसरे से बात कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक, पिता की इच्छा थी कि मरने से पहले वह अपने बेटे को ग्रेजुएट होते देखना चाहता था लेकिन उसके पास समय कम था।
डॉक्टर्स ने लिवर ट्रांसप्लांटेशन की सलाह दी
एक दिन कोरोना से रिकवर होने के बाद बेटा अपने पिता के पास पहुंचा तब उन्होंने बड़े मंद स्वर में अपनी यह इच्छा बेटे के सामने जाहिर की। खैर, बेटे ने डॉक्टर्स से मुलाकात की और उनसे पूछा कि उनके पिता की जिंदगी बचाने का क्या उपाय है। इसपर डॉक्टर्स ने लिवर ट्रांस्प्लांटेशन करने की सलाह दी।
अब बेटे ने चारों तरफ पिता के लिए लिवर ढूंढना प्रारंभ किया हालांकि, कोविड के उस दौर में उसकी सहायता किसी ने नहीं की। इसपर उसने फैसला लिया कि वह अपना लिवर अपने पिता के लिए डोनेट करेगा।
बेटे ने दिया पिता को लिवर
गौरतलब है, बेटे ने अपने इस निर्णय के विषय में डॉक्टर्स से बात की और उनसे आग्रह किया कि जल्द से जल्द उनका ऑपरेशन किया जाए। डॉक्टर्स ने जांच में पाया कि उनका और उनके पिता का लिवर सेम तो था लेकिन बेटे का लिवर काफी फैटी था। इस पर डॉक्टर्स ने उन्हें व्यायाम और पौष्टिक आहार खाने की सलाह दी। 15-20 तक इन नियमों को फॉलो करने के बाद बेटे ने अपने लिवर की सर्जरी करवाई और पिता को अपने लिवर का 65 प्रतिशत हिस्सा दे दिया। डॉक्टर्स के मुताबिक, बेटे के इस फैसले ने उसके पिता की जिंदगी बिता ली। अब दोनों व्यक्ति स्वस्थ हैं और खुशी से एक-साथ रहते हैं।