इंसान के अंदर कुछ करने की इच्छा और उसका बुलंद हौसला उसे किसी भी मंजिल को पार कर सकता है. और ऐसा ही कुछ कर दिखाया कानपुर के एक लड़के ने . कानपुर के रहने वाले इस लड़के ने ऐसा कमाल कर दिया कि सोशल मीडिया पर लोग इसकी खूब तारीफ कर रहे हैं.और यह लड़का जमकर सुर्खियां बटोर रहा है लोग इसकी मेहनत के कायल हो गए हैं. हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले शेखर बिजलानी की इन्होंने बिना किसी ट्रेनिंग कैंप के दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट के कैंप पर तिरंगा झंडा लहरा कर अपने परिवार और देश का नाम रोशन कर दिया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शेखर ने या कारनामा टीवी पर आ रहे हैं. एक शो को देखकर किया. और आखिरकार शेखर ने इस बुलंदी को हासिल करने के बाद ही सांस ली.
बनाया रिकॉर्ड

आधे की कानपुर की निवासी कैलाश बिजलानी के बेटे शेखर ने यह कारनामा कर दिखाया जो अच्छे अच्छे नहीं कर पाते उन्होंने सबसे पहले नेपाल के काठमांडू रास्ते से होते हुए 13 दिनों तक कड़ी मेहनत की. उसके बाद 5364 मीटर ऊंची पहाड़ की चोटी पर भारत का झंडा लहराया और अपने देश का नाम रोशन किया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शेखर ने 20 दिनों तक -10 डिग्री मैं जीवन बिताया. इस मिशन में शेखर के साथ कुल 20 व्यक्तियों की टीम थी . और शुरुआत में ही 5 व्यक्तियों को ऑक्सीजन ना मिलने के कारण उन्हें वापस बुला लिया गया और 10 लोगों को बेस कैंप तक पहुंचने तक ही उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हें वापस आना पड़ा लेकिन शेखर डटे रहे.
10 किलोमीटर की लगाई दौड़
शेखर के पिता ने बताया कि करीब 3 साल पहले शेखर का वजन 85 किलो था.और शेखर ने खुद को तीन सालों में तैयार किया. शिखर के पिता के मुताबिक शेखर रोजाना 10 किलोमीटर दौड़ा करते थे और उन्होंने 3 साल में अपना वजन 35 किलो तक कम कर लिया. और बिना किसी ट्रेनिंग के पहाड़ की ऊंचाइयों को छू लेने का मन बनाया. शेखर ने इंटरनेट की मदद से पहाड़ों के बारे में जानकारी एकत्रित की और इससे पहले वह केदारनाथ की पहाड़ियों की भी चोटियों को छू चुके हैं. और इस कारनामे के बाद उनका हौसला बढ़ा और उन्होंने एवरेस्ट बेस कैंप पर तिरंगा लहरा कर सब को अपनी और आकर्षित किया.