रुस और यूक्रेन के बीच जारी इस युद्ध को तकरीबन 15 दिनों से अधिक का समय बीत चुका है। तमाम जिंदगियां बर्बाद हो चुकी हैं। ऐसे में लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या उनका जीवन बन गया है। इस बीच भारत के एक नागरिक ने एकता और भाईचारे की मिसाल पेश की है। तिरुवन्नमलई, तमिलनाडु के निवासी वीएस सत्य गोपालन ने यूक्रेन और रुस के नागरिकों की मदद करने का फैसला लिया है। गोपालन ने भारत आए इन टूरिस्ट्स के लिए रहने-खाने से लेकर हर चीज़ का मुफ्त में इंतजाम किया है। यहां 6 यूक्रेन और 18 रुसी लोग साथ में मिलकर रहते हैं, सभी में दोस्ती का भाव विद्यमान है।
विदेशियों के लिए मददगार साबित हुए गोपालन

बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले गोपालन ने अरुणाचलेश्वर मंदिर के पास दो यूक्रेन के नागरिकों को रोते देखा था जिसके बाद उन्होंने उनकी मदद के लिए फैसला किया। इस विषय में बात करते हुए गोपालन ने मीडिया को बताया कि, ‘हमने युद्ध और आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे टूरिस्ट्स की मदद करने का निर्णय लिया। वे यहां युद्ध की वजह से फंसे हुए हैं। मैं उन्हें रहने की जगह दे रहा हूं और बिजली का खर्च भी उठा रहा हूं। मेरे दोस्त उन्हें सूखा राशन और अन्य सुविधाएं मुहैया करवा रहे हैं।’
गोपालन ने आगे बताया कि, ‘हम देशभर के रूसी और यूक्रेनी टूरिस्ट्स की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। हमने टूरिस्ट्स को वॉट्स ऐप ग्रुप बनाकर देश के अलग-अलग स्थानों पर रुके उनके देश के लोगों से संपर्क करने को कहा है।’
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन विदेशी नागरिकों को खाने में साउथ इंडिया का सबसे प्रिय भोजन इडली-डोसा और वड़ा जैसे पकवान बनाकर खिलाए जा रहे हैं। इसके अलावा उन्हें विदेशी भोजन भी मुहैया करवाया जा रहा है। वहीं, यहां रह रहे टूरिस्ट्स ने इच्छा जाहिर की है कि उनका वीज़ा एक्सटेंड कर दिया जाए। रुस और यूक्रेन में जारी इस युद्ध की वजह से इनकी बैंकिंग सेवाएं बंद कर दी गई हैं जिसकी वजह से इनके पास पैसे खत्म हो रहे हैं। इनका मानना है कि अग इनका वीज़ा एक्सटेंड कर दिया जाए तो वे कुछ दिन और यहां रहना चाहते हैं।
टूरिस्ट ने जताई वीज़ा एक्सडेंट करने की इच्छा
गौरतलब है, युद्ध के कारणों के विषय में मीडिया से बात करते हुए एक टूरिस्ट ने बताया कि,पहचान ‘ये युद्ध राजनैतिक कारणों से लड़ा जा रहा। लोग यहां बहुत दोस्ताना मिजाज़ी हैं और हमारी मदद कर रहे हैं। मुझे वीज़ा एक्सटेंड करवाने में बहुत परेशानी हो रही है और मैं भारतीय अधिकारियों के संपर्क में हूं। हालात बेहद मुश्किल है क्योंकि मेरे पास पैसे नहीं हैं और बैंक की सुविधाएं बंद कर दी गई हैं।’