बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता जितेंद्र और एक्ट्रेस जयाप्रदा ने अपनी एक्टिंग से देश-दुनिया में पहचान स्थापित की है। दोनों ने जब-जब साथ में काम किया है तब-तब कुछ करिश्मा ही किया है। इसका प्रबल उदाहरण उनकी फिल्म ‘मां’ है। इस फिल्म में जितेंद्र जयाप्रदा के पति के रोल में नज़र आए थे। इस फिल्म का वो गाना तो आप सबने सुना ही होगा….मां ही मंदिर….मां ही पूजा….मां से बढ़कर कोई न दूजा….इस गाने ने सभी को भावुक कर दिया था। आज हम आपको ऐसी ही एक मां के विषय में बताने जा रहे हैं जिसने रुस और यूक्रेन के बीच जारी इस जंग में घुसकर अपने बेटे को वापिस लाने की ठान ली थी।
मां का प्यार औषधि से कम नहीं होता है

कहते हैं बच्चा सबसे अधिक अपनी मां के आंचल में सुरक्षित होता है। जब वह मां के साथ होता है तो उसे किसी तरह की कोई चिंता नहीं रहती है, उसके सारे कष्ट कुछ देर के लिए हवा हो जाते हैं। मां की ममता संतान के लिए किसी औषधि से कम नहीं होती है।
बेटे के प्यार में तय किया 5500 मील का सफर
बहरहाल, इस बात से तो आप सब वाकिफ ही हैं कि पिछले 1 महीने से रुस और यूक्रेन के बीच सैन्य युद्ध जारी है। ऐसे में सभी देश अपने-अपने नागरिकों को वहां से निकालने के लिए जद्दो-जहद कर रहे हैं। इन्हीं में से एक देश अमेरिका भी है। हाल ही में एक खबर सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रही है। बताया जा रहा है कि अमेरिका के सेंट्रल टेक्सास की निवासी ब्रिटनी हेजल अपने गोद लिए बेटे के मोह में इतना डूब गईं कि उन्होंने युद्ध की परवाह किए बगैर युद्धग्रस्त यूक्रेन में कदम रख दिया। उन्होंने 5500 मील का सफर तय करके अपने बेटे एंडरी को वहां से निकालकर एबॉट ले आईं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटनी और उनके पति मैट ने इसी साल जनवरी के माह में एंडरी को यूक्रेन के एक अनाथालय से गोद लिया था। वे 10 मार्च को जाकर एंडरी को अपने साथ लाने वाली थीं। लेकिन रुस और यूक्रेन के बीच छिड़ी इस जंग ने उनका सारा प्लान चौपट कर दिया।
एंडरी को यूक्रेन से निकालने में सफल हुईं ब्रिटनी
इस बात से दोनों काफी परेशान थे। तबी ब्रिटनी की एक फ्रैंड ने उन्हें बताया कि उसकी एक जानकार पोलैंड में रहती है। वह उन्हें रहने के लिए कुछ दिन अपने यहां रख सकती है। इस बात से ब्रिटनी के दिमाग में आइडिया आया कि अगर वे अपने बेटे को यूक्रेन से निकालकर पोलैंड वहुंच जाती हैं तो वे अपने बच्चे के साथ खुशी-खुशी जिंदगी बिता सकती हैं। उन्होंने यह खतरा मोल ले लिया। ब्रिटनी पोलैंड पहुंच गईं हालांकि, यहां उनसे कहा गया कि एंडरी जिस शहर में रहता है उस इलाके को रूसी सैनिकों ने घेर रखा है। वहां पहुंचना नाममुकिन है। हालांकि, ब्रिटनी की रिक्वेस्ट पर पोलैंड दूतावास के अधिकारियों ने एंडरी को वहां से निकालने में मदद की। जैसे-तैसे वे एंडरी को बॉर्डर तक ले आए। जिसके बाद एंडरी और ब्रिटनी एक-दूसरे से मिल गए।
ब्रिटनी ने इस विषय में बात करते हुए कहा कि, एंडरी को सही सलामत यूक्रेन से निकालने में दूतावास ने बहुत अहम भूमिका निभाई है।