देश में अगर शिक्षा व्यवस्था की बात होती है तो केरल का नाम सबसे टॉप पर रहता है। इसके बाद दिल्ली की शिक्षा की खूब तारीफ होती है। हालांकि, अगर बात पिछड़े राज्यों की होती है तो बिहार का नाम सबसे टॉप पर आता है। आजादी के 75 साल बाद भी बिहार की तस्वीर वैसी की वैसी ही है। यहां के लोग शिक्षा को उतना तवज्जो नहीं देते हैं। वहीं, सरकारें भी वादे तो तमाम करती हैं लेकिन जमीन पर उन वादों की हकीकत कुछ और ही होती है।
गया का यह स्कूल बना अन्य स्कूलों के लिए नज़ीर

बात करें बिहार के सरकारी स्कूलों की तो वहां की स्थिति काफी दयनीय है। सोशल मीडिया पर कई वीडियो रोज वायरल होते हैं जिनमें स्कूलों की सारी सच्चाई खुद ब खुद बयां हो जाती है। हालांकि, बिहार के गया में बना यह स्कूल अन्य स्कूलों के मुकाबले काफी अलग है। यहां बच्चों के लिए सारी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। खास बात ये है ये कारनामा सरकार ने नहीं बल्कि इस स्कूल के 5 बच्चों ने मिलकर कर दिखाया है। उन्होंने इस स्कूल को किसी प्राइवेट स्कूल के जैसा तैयार कर दिया है।
तीन स्कूलों की बदली सूरत
इन पांचों बच्चों के नाम रोशनी, राधा, श्रेया, खुशबू और विवेक है। इन्होंने स्कूल की सूरत को बदलकर इतिहास रच दिया है। इन बच्चों ने पूरे स्कूल की दीवारों पर खूबसूरत चित्रकारी की है। मज़े की बात ये है कि इन पांचों बच्चों ने सिर्फ ये स्कूल ही नहीं बल्कि अन्य तीन स्कूलों की तस्वीर भी बदलने में अहम भूमिक निभाई है।
मुश्किलों का सामना किया
अपने इस काम के विषय में मीडिया से बात करते हुए रोशनी ने कहा कि, इस काम में कई मुश्किलें आईं। किसी बड़े को उस तरह से सहयोग नहीं मिला। इस काम को करने में आमतौर पर बहुत तरह की सुविधाओं की जरूरत होती है। लेकिन, हम 5 लोगों ने मिलकर ही इसे आसानी से कर दिया। हमने दो मंजिला इमारत के साथ-साथ क्लासरूम और गलियारे को भी पेंटिंग से पाट दिया है।