यह कहना कतई गलत नहीं होगा कि भारतीयों का डंका पूरे विश्व में बजता है। इस बात का प्रबल उदाहरण है ये शख्स। इस व्यक्ति को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने व्हाइट हाउस में बहुत बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। इस व्यक्ति का नाम डॉ. आशीष कुमार झा है। बता दें, बिहार के मधुबनी के पुरसोलिया गांव में जन्म लेने वाले आशीष को अमेरिकी राष्ट्रपति ने कोविड-19 के खिलाफ जारी जंग में रिस्पॉेन्से को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किया है।
कनाडा शिफ्ट हुआ परिवार

मालूम हो, साल 1979 में आशीष का परिवार बिहार से कनाडा के टोरंटो जाकर बस गया था। इसके बाद साल 1983 में इनके परिवार ने अमेरिका की तरफ रुख किया। साल 1988 में आशीष ने न्यू जर्सी के बूनटन हाई स्कूल से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद साल 1992 में उन्होंने कोलंबिया से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की।
पढ़ने के शौकीन हैं आशीष
आशीष शुरुआत से ही पढ़ाई-लिखाई में तेज़ थे। यही कारण था कि उन्होंने अर्थशास्त्र के बाद साल 1997 में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से एमडी की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में इंटर्नल मेडिसिन की पढ़ाई की। साल 2004 में आशीष ने हार्वर्ड टीएच चैन स्कूल से पब्लिक हेल्थ में मास्टर डिग्री भी हांसिल की।
डिग्रियों का सिलसिला यहीं नहीं थमता है। इन सबके अलावा भी आशीष ने कई अन्य डिग्रियां भी हांसिल कीं। यही कारण है कि उन्हें उनकी रिसर्च और प्रैक्टिस के लिए कई अवॉर्ड्स से नवाज़ा जा चुका है। इनमें हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से सर्वश्रेष्ठ मूल शोध के लिए रोज़ सीगल पुरस्कार शामिल है। इसके अलावा उन्हें कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन फ्रांसिस्को की तरफ से हाउसस्टाफ टीचिंग अवॉर्ड देकर भी सम्मानित किया जा चुका है।
नेशनल क्वारंटाइन का आयोजन किया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना की भीषण लहर के दौरान डॉ. आशीष ने मार्च 2020 में अमेरिका में दो सप्ताह के नेशनल क्वारंटाइन का आयोजन किया था। इस दौरान कोरोना महामारी को लेकर उनका तर्क था कि पहले से ही वायरस से संक्रमित लोगों को लक्षण दिखाना शुरू करने में दो सप्ताह तक का समय लगता है। इसके साथ आशीष ने कहा था कि, ‘इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर ढंग से यह आकलन करने में मदद मिलेगी कि निर्णय लेने की बेहतर जानकारी देने के लिए यह बीमारी कितनी व्यापक है’।