इस बात से तो आप सब वाकिफ ही होंगे कि समय से पहले और भाग्य से ज्यादा किसी को नहीं मिलता है। इस कहावत का प्रबल उदाहरण आज हम सबके बीच मौजूद है। इसका नाम एरिक फिनमैन है। एरिक ने साबित कर दिया है कि इंसान अगर हौंसलों की उड़ान भरना चाहे तो वह किसी भी उम्र में कोशिश कर सकता है। ऐसा ही कुछ इस 18 वर्षीय लड़के ने कर दिखाया है।
कई बार हम किसी को उसकी हरकतों से आंकने लगते हैं, अपने मन में उस व्यक्ति की छवि बना लेते हैं कि ये तो ऐसा ही है….कुछ कर नहीं पाएगा आदि। लेकिन वक्त का चक्का जब घूमता है तो सबकुछ पलट कर रख देता है। ऐसा ही कुछ 18 वर्षीय एरिक के साथ हुआ। दरअसल, बचपन में जब एरिक 12 वर्ष के थे तब इनका मन पढ़ाई में कतई नहीं लगता था। टीचर्स इन्हें मार-मारकर थक जाते थे लेकिन ये पढ़ने में आना-कानी जारी रखते थे।
टीचर्स ने समझा नाकारा

एरिक के माता-पिता भी उनकी इन्हीं हरकतों से बाज़ आ चुके थे। एक बार विद्यालय में टीचर्स ने एरिक को यह कहकर स्कूल से निकाल दिया था कि वे जिंदगीभर नाकारा ही रहेंगे, कुछ नहीं कर पाएंगे। 12 वर्षीय एरिक को अध्यापकों की इस बात का बहुत बुरा लगा, उन्होंने अपने घर आकर माता-पिता से कहा कि अब वे पढ़ाई नहीं करेंगे। इसपर उनके माता-पिता ने सवाल किया कि अगर वे पढ़ाई नहीं करेंगे तो क्या करेंगे?
एरिक ने जवाब दिया कि वे क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करेंगे और 18 वर्ष की उम्र से पहले 1 मिलियन डॉलर रुपये कमा कर दिखाएंगे। बता दें, एरिक ने अपने बड़े भाई से क्रिप्टोकरेंसी और बिटक्वाइन के विषय में सुना था। हालांकि, ब्रिटेन के कानून के मुताबिक कम उम्र होने की वजह से वे इसमें इन्वेस्ट नहीं कर सकते थे। इसलिए उन्होंने अपने माता-पिता की मदद से कुछ पैसे बिटक्वाइन में इन्वेस्ट कर दिए।
दादी के दिए पैसों से खरीदे बिटक्वाइन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एरिक को उनकी दादी ने 71 हज़ार रुपये दिए थे जिससे उन्होंने 100 बिटक्वाइन खरीद कर डाल दिए थे। अब उनके एक क्वाइन की कीमत 27 लाख रुपये हो गई है। इसके बाद वे रातों-रात करोंड़पति बन गए हैं। गौरतलब है, एरिक ने अब इन पैसों से सिलिकॉन वैली से बाहर एजुकेशन बिजनेस शुरु करने का फैसला लिया है।