बता दें कि एक किताब का शीर्षक है ट्वेल्थ फेल और या किताब आपको जरूर पढ़ना चाहिए बता दें कि या किताब एक आईपीएस ऑफिसर पर आधारित है. महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस मनोज शर्मा पर लिखी गई है. दरिया किताब आईपीएस मनोज शर्मा पर आधारित है बता दे कि मनोज शर्मा नाइंथ, टेंथ और इलेवंथ में थर्ड आए थे. और वह कक्षा 12वीं में फेल हो गए थे उन्होंने फेल होने का कारण बताते हुए कहा कि वह फेल इसलिए हो गए थे क्योंकि उन्होंने 9वीं 10वीं और 11वीं में नकल करके परीक्षा पास की लेकिन 12वीं में इसलिए फेल हो गए क्योंकि वह नकल नहीं कर पाए एसडीएम के सख्त आदेश से अकल नहीं कर पाए. फिर उन्होंने सोचा कि इतना पावरफुल व्यक्ति कौन है और उस समय सही मनोज शर्मा ने यूपीएससी क्रैक करने की ठान ली. हालांकि इससे पहले मनोज शर्मा मैं कभी यह नहीं सोचा था. कि वह आईपीएस बनना चाहते हैं उन्होंने बताया कि वह कक्षा 12 वीं के बाद टाइपिंग सीकर कोई छोटी मोटी नौकरियां करना चाहते थे.
12, वीं में हुए फेल

कक्षा बारहवीं में फेल हो जाने के बाद उन्होंने अपने भाई के साथ ऑटो रिक्शा चलाई. और एक बार उनका ऑटो रिक्शा पकड़ा गया जिसे छुड़वाने के लिए मनोज शर्मा एसडीएम के पास गए और वही उनकी मुलाकात एसडीएम साहब से हुई. मनोज शर्मा ने बताया कि मैं उनकी तैयारी के बारे में बात करने लगा और तब से मैंने अपने जीवन में यूपीएससी क्रैक कर अपनी जिंदगी में कुछ बड़ा बनना चाहता था. मनोज ने ऑटो रिक्शा के बाद लाइब्रेरी में चपरासी का भी काम किया लेकिन मनोज ने बताया कि वह लड़कियों से बात भी नहीं कर पाते क्योंकि वह अपने आप को एक फेलियर के रूप में देखते थे
मनोज की गर्लफ्रेंड ने ये कहा
बता दे कि मनोज इसके बाद दिल्ली आ गए थे और उन्हें कुत्ता डराने का काम मिला उन्हें पर कुत्ते को टहलाने के लिए 400रुपए मिला करते थे. इसी दौरान उन्होंने एक टीचर से मुफ्त में पढ़ाई की .और पहले ही अटेंप्ट में उन्होंने प्री एग्जाम निकाल लिया. और चौथे टेस्ट में भी निकला लेकिन मेन से उनकी इंग्लिश ठीक ना होने की वजह से उन्हें सिलेक्ट नहीं किया गया. हालांकि बता दे क्योंकि गर्लफ्रेंड ने उनसे कहा था कि तुम अगर साथ दो तो दुनिया पलट दूंगा. और साल 2005 में मनोज ने यूपीएससी परीक्षा करा कर अधिकारी बन गए. और मनोज अभी मुंबई के एडिशनल कमिश्नर ऑफ वेस्ट रीजन के पद पर तैनात हैं.